तमाम तरह की शिकायतों और याचिकाओं का सामना कर रहे स्पीक एशिया प्रबंधन का धैर्य अब टूटने लगा है। शायद अब वह चाहता है कि जो भी जल्द ही हो जाए और इसीलिए सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाने पर विचार कर रहा है।
स्पीक एशिया के खिलाफ चल रहीं तमाम जाचों के मामले में प्रबंधन लगातार अपने पेनलिस्टों को यह बताता रहा कि अगले कुछ हफ्तों में सबकुछ ठीक हो जाएगा, लेकिन सबकुछ ठीक होता दिखाई नहीं दे रहा। सरकार की जांच प्रक्रियाएं लगातार लम्बी होती चली जा रहीं हैं, जिसके कारण प्रबंधन द्वारा किए गए तमाम वादे भी पूरे नहीं हो पा रहे हैं और अब प्रबंधन कोई नई तारीख देने की स्थिति में भी नहीं है।
अपनी पूंजी लगा चुके स्पीक एशिया के पेनलिस्टों लगातार दबाव बना रहे हैं कि कारोबार फिर से वैसा ही शुरू करो जैसा कि पहले था। हम प्रोडक्ट खरीदने के मूड में नहीं है। सर्वे कराओ और पैसा भेजो। जल्दी करो, हम इंतजार नहीं कर सकते। यह सबकुछ अपनी जगह वाजिव भी है क्योंकि कंपनी प्रबंधन को क्या बर्दाश्त करना पड़ रहा है इससे पनलिस्ट एक सीमा तक ही सुन सकता है, लेकिन अपनी इनकम को ब्लॉक करके साथ निभाने के लिए वह तैयार नहीं है। हालांकि उनके पास कोई आप्शन भी नहीं है, लेकिन गुस्सा बढ़ता जा रहा है और यह गुस्सा लोगोंं को उनके पैसे दिलवाए या न दिलवाए, हंगामा जरूर करवा सकता है।
प्रबंधन इस बात को बहुत अच्छी तरह से जानता है और वह किसी भी कीमत पर अपने पेनलिस्टों की नाराजगी मोल लेने के मूड में नहीं है। सूत्र बताते हैं क प्रबंधन अंतिम फैसले के लिए सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाने की योजना पर विचार कर रहा है। अपने वकीलों एवं सलहाकारों से बात की जा रही है। वे चाहते हैं कि बहुत जल्द ही निर्णय हो जाए ताकि परेशानियां दूर हो सकें।
प्रबंधन की सबसे बड़ी परेशानी यह भी है कि खाते सीज हो जाने के कारण उनका अपना वेतन भी अब नहीं निकल पा रहा है। खर्चा बढ़ गया है, इनकम बंद हो गई है और अपना पैसा भी अपने काम नहीं आ रहा है। देखते हैं आगे क्या होता है।
अपनी पूंजी लगा चुके स्पीक एशिया के पेनलिस्टों लगातार दबाव बना रहे हैं कि कारोबार फिर से वैसा ही शुरू करो जैसा कि पहले था। हम प्रोडक्ट खरीदने के मूड में नहीं है। सर्वे कराओ और पैसा भेजो। जल्दी करो, हम इंतजार नहीं कर सकते। यह सबकुछ अपनी जगह वाजिव भी है क्योंकि कंपनी प्रबंधन को क्या बर्दाश्त करना पड़ रहा है इससे पनलिस्ट एक सीमा तक ही सुन सकता है, लेकिन अपनी इनकम को ब्लॉक करके साथ निभाने के लिए वह तैयार नहीं है। हालांकि उनके पास कोई आप्शन भी नहीं है, लेकिन गुस्सा बढ़ता जा रहा है और यह गुस्सा लोगोंं को उनके पैसे दिलवाए या न दिलवाए, हंगामा जरूर करवा सकता है।
प्रबंधन इस बात को बहुत अच्छी तरह से जानता है और वह किसी भी कीमत पर अपने पेनलिस्टों की नाराजगी मोल लेने के मूड में नहीं है। सूत्र बताते हैं क प्रबंधन अंतिम फैसले के लिए सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाने की योजना पर विचार कर रहा है। अपने वकीलों एवं सलहाकारों से बात की जा रही है। वे चाहते हैं कि बहुत जल्द ही निर्णय हो जाए ताकि परेशानियां दूर हो सकें।
प्रबंधन की सबसे बड़ी परेशानी यह भी है कि खाते सीज हो जाने के कारण उनका अपना वेतन भी अब नहीं निकल पा रहा है। खर्चा बढ़ गया है, इनकम बंद हो गई है और अपना पैसा भी अपने काम नहीं आ रहा है। देखते हैं आगे क्या होता है।
- खबर स्पीक एशिया से जुड़े सूत्रों के आधार पर
bhai paise de do bachhe bhukhe nange he mar jainge
ReplyDeleteGood News SPEAKASIANS
ReplyDeleteMr.ANIL DHIRUBHAI AMBANI GROUP has shown keen interest in SAOL
and is fully SUPPORTING it
SAOL has to involve some influential person or company to support it and Reliance is the best option.... It knows the nerve of Indian Govt. functioning
ReplyDeletei can arrange for an One to One meeting with some influential person/s to PULL SAOL from this daldal
ReplyDeleteProvided SAOL approaches and shows some interest
before any suicidal attempt by any of speak asian, please do some thing positive in the interest of all speak asians.
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