स्पीक एशिया विवाद के चलते अब भारत में संचालित तमाम एमएलएम कंपनियों पर तलवार आ लटकी है। प्रधानमंत्री कार्यालय विचार कर रहा है कि क्यों न तमाम एमएलएम कंपनियों को भारत में प्रतिबंधित कर दिया जाए।
खबर मिली है कि प्रधानमंत्री कार्यालय में एक एनजीओ मनीलाइफ ने स्पीक एशिया और इस प्रकार की बिना आधार वाली कंपनियों के तमाम कारोबार को भारत में अवैध करार देते हुए प्रतिबंधित कर देने का आवेदन किया है। प्रधानमंत्री कार्यालय इस दिशा में विचार कर रहा है एवं खबर लिखे जाने तक कोई निर्णय नहीं हो पाया था।
खबर मिली है कि प्रधानमंत्री कार्यालय में एक एनजीओ मनीलाइफ ने स्पीक एशिया और इस प्रकार की बिना आधार वाली कंपनियों के तमाम कारोबार को भारत में अवैध करार देते हुए प्रतिबंधित कर देने का आवेदन किया है। प्रधानमंत्री कार्यालय इस दिशा में विचार कर रहा है एवं खबर लिखे जाने तक कोई निर्णय नहीं हो पाया था।
विशेषज्ञ बताते हैं कि प्रधानमंत्री कार्यालय या सरकार की ओर से ऐसे निर्णय कभी भी हो सकता है, क्योंकि इस प्रकार की कंपनियों का कोई मजबूत आर्थिक आधार नहीं होता, अत: ऐसी कंपनियों में पैनल, मेम्बरशिप, सर्वे या किसी ओर नाम पर जो भी पैसा लगाया जाता है, वह एक प्रकार का जुआ होता है और जुआ एक्ट के तहत ऐसी कंपनियों के नेटवर्क पर कार्रवाई कर सकती है।
इस प्रकार की कार्रवाई के लिए पुलिस को किसी शिकायतकर्ता की कोई आवश्यकता नहीं है, जबकि शिकायत मिलने की स्थिति में धोखाधड़ी एवं आर्थिक अपराध लिए सुनिश्चित तमाम नियमों का उपयोग ऐसी कंपनियों के संचालकों एवं नेटवर्क के विरुद्ध किया जा सकता है।
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ReplyDeletespeak asia me 2000000 logo ka bhavseya bandha hi
ReplyDeletespeakasia per jo aakh uta ker dhekha ga uski aakh fordi di gaygi
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